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आज का ख्याल, डिजिटल मनमोहन के डिजिटल शत्रु- ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Saturday, July 31, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
 
छुट्टी का दिन है और काम बहुत ज्यादा है, इसलिए आज सीधे चर्चा करते हैं- 
 
मनमोहन सिंह जब से प्रधानमंत्री बने हैं। वे मीडिया और विशेषज्ञों की आलोचना में नहीं आते। उन्हें प्रधानमंत्री बने 6 साल से ज्यादा समय हो गया है। मीडिया में ममता बनर्जी,शरद पवार ,प्रफुल्ल पटेल ,डी..
 
अभी कुछ दिन पहले गाँव गई थी तो शाम के वक्त घूमते घूमते खेतों की तरफ निकल गई .वापस लौटते समय रास्ते में बहुत धुल उड़ रही थी क्योंकि मेरे साथ लौट रहे थे सारे चरवाहा अपने अपने पशुधन को लेकर और और वो धूल उड ...
 
घड़ी पर नज़र डाली, छः बजकर बीस मिनट, और मैने मोबाइल हाथों में लिया,मेसेज टाइप करने को कि I m ready और तभी घंटी बज उठी. सहेली का मिस्ड कॉल था. मोबाइल वहीँ रखा, क्यूंकि तेज बारिश हो रही थी. घर की चाबी उठाय...
 
सामाजिक मनोविज्ञान के कुशल चितेरे प्रेमचन्द [image: मेरा फोटो] हरीश प्रकाश गुप्त 'कोई घटना तब तक कहानी नहीं होती जब तक कि वह किसी मनोवैज्ञानिक सत्य को व्यक्त न करे।' इस कथन से उनकी कहानियों में आ...
 
हिंदी के परम पक्षधर को नमन...* *रा*जर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन,भारत के महान स्वतन्त्रता सेनानी थे।उनका जन्म १ अगस्त १८८२ को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद मे हुआ। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका नि...
 
शरद कोकास कहते हैं- उदासी मन का एक्स रे होती है
कल शाम बारिश हो रही थी ... लगातार एक सुर में ... चारोँ ओर एक खामोशी सी छाई थी ... अचानक मोबाइल पर एक सन्देश आया .. कैसी बारिश है यह ..ऐसा लगता है जैसे कोई बिना आवाज़ रो रहा है । मन अच...
 
भाग 1 * *भाग 2 **से जारी ...* ** *मेरे प्रश्न का उत्तर मेरा ही एक दूसरा प्रश्न? प्रेम सचमुच ही ऐसे सराबोर कर देता है क्या कि मन बस प्रिय ही प्रिय, प्रियमय हो जाय? कितना रहस्यमय, बहुअर्थी उत्तर था वह! एक द...
 
क्या मंदिर-मस्जिद किसी इंसान की जान से बढ़कर हो सकते है? --- शाहनवाज़
हमेशा ही लोगो को मंदिर-मस्जिद, ज़ात-पात, हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर लडवाया जाता है. 90 के दशक अथवा उससे पहले लोग बहुत जल्दी बहकावे में आते थे, धीरे-धीरे जनता राजनैतिक दलों की चालों को समझने लगी, और फिर ऐसे रा...
 
ये हैं श्री राजीव तनेजा और ये हैं श्री पवन चन्दन * *आज ये दोनों उपस्थित हैं सितारों की महफ़िल में .....* *ब्लोगोत्सव-२०१० पर* *सितारों की महफ़िल में आज राजीव तनेजा* *सितारों की महफ़िल में आज पवन चन्दन* *क्य...
 
अखबारों ने कहा- "वह इतिहास की सबसे बड़ी रैली थी'' लायी गयी औरतों ने कहा- "प़ूडी के साथ जलेबी भी बासी थी'' वहां सब कुछ थे माइक थे, मंच थे मुद्दे और महंथ थे रंग-विरंगे शामियानों में एक ही रंग के नारे थे वे ब...
 
वन्दना कहती हैं-ज़िन्दगी का हिसाब -किताब
ज़िन्दगी के हिस्से होते रहे टुकड़ों में बँटती रही बच्चे की किलकारियों सा कब गुजर गया बचपन और एक हिस्सा ज़िन्दगी का ना जाने किन ख्वाबों में खो गया मोहब्बत ,कटुता भेदभाव,वैमनस्यता अपना- पराया तेरे- मे...
 
अमेरिकाके एक प्रायमरी स्कुलमें बच्चोके साथ हिलने मिलने गए । क्लासमें थोड़ी बातें बातें करने के बाद ओबामाने पूछा ,"किसीको कुछ पूछना है ?" जॉन नामके लड़के ने पूछा :१...अमेरिकाने इराक पर हमला क्यों किया ? २...जो ...
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 

3 comments:

मनोज कुमार August 1, 2010 at 11:26 AM  

हैप्पी फ़्रेंडशिप डे! चर्चा में शामिल करने के लिए आभार!

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