शोषण की शिकार लड़कियों को सामने आना चाहिए, , कोई ये कैसे बताएं -ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Saturday, July 24, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
किसी परेशानी की वजह से कल हम चर्चा नहीं कर पाए। आज भी मन ठीक नहीं है, फिर भी सोचा चलो यार चर्चा कर लेते हैं, शायद इससे मन अच्छा हो जाए। लेकिन कहते हैं कि मन ही अच्छा न हो तो क्य़ा किया जा सकता है। खैर चलते हैं आज की चर्चा की तरफ....
राजतन्त्र में शोषण की शिकार लड़कियों को सामने आना चाहिए
खेल जगत में ज्यादातर महिला खिलाडिय़ों का किसी न किसी रूप में यौन शोषण हो रहा है, यह बात जग जाहिर है। लेकिन यहां पर सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जिन खिलाडिय़ों का यौन शोषण होता है उनमें से काफी कम खिलाड़ी ऐसी ह...
खेल जगत में ज्यादातर महिला खिलाडिय़ों का किसी न किसी रूप में यौन शोषण हो रहा है, यह बात जग जाहिर है। लेकिन यहां पर सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जिन खिलाडिय़ों का यौन शोषण होता है उनमें से काफी कम खिलाड़ी ऐसी ह...
कोई ये कैसे बताएं की वो तनहा क्यों है ?????? एक फिल्म अर्थ की ये बेहतरीन ग़ज़ल है .......... तो शायद इस का जवाब देने की कोशिश की मैंने ............ तलाश एक हाथ की जो साथ दे उम्र भर के लिए वो प्यास जो अनबुझ ...
कभी कभी बैठे बैठे यूँ ही मन मे कई ख्याल आते रहते है . अब देखो आज खाना बना रही थी तो सोचा आस पास ही कितनी चीजे है जो सोचने को और समझने को मजबूर कर दे ,अगर हम सोचें तो ..पर अब सब मेरे जैसे निक्कमे और खाली त...
सुबह की चाय तेरे हाथो से पीना भीगे बालो में उलझे मोतियों को तोडना चादर को फेंक तेरे आँचल को ओढ़ना मीठी शरारत से तेरे हाथ को मोड़ना हर दिन तेरी मुस्कान के साथ शुरू करना चाहता हूँ *
ज्योतिष के पक्ष्ा और विपक्ष में तर्कों की कमी नहीं , पर किसी का यह तर्क देना कि हम भविष्य को अनिश्चित ही देखना चाहते हैं , इसलिए ज्योतिष के अध्ययन की कोई आवश्यकता नहीं , सबसे बेकार का तर्क है। यदि आप...
आज, 25 जुलाई को - घुघूती बासूती - नारी ब्लॉग की सूत्रधार रचना सिंह का जनमदिन है। बधाई व शुभकामनाएं आने वाले जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें। अपने मोबाईल...
ॐ* *बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥* *अमिअ मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू॥* आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सभी गुरुओं को प्रणाम करता हूं जिनके मार्गदर्शन एंव कृपा से इस मुकाम ...
जहां पांव में पायल और माथे पे बिंदिया...इट्स हैप्पन्ड ओनली इन इंडिया...वाकई कुछ चीज़ें सिर्फ भारत में ही हो सकती हैं...जो यहां हो सकता है, वो और कहीं नहीं हो सकता...विश्वास नहीं होता तो देख लीजिए अपनी आंखो...
देश की जनगणना में जाति को शामिल करना/न करना का विवाद अपने अलग रंग में है। आये दिन बुद्धिजीवी इसको लेकर प्रदर्शन, धरना आदि में व्यस्त रह रहे हैं। बैठे बिठाये एक मुद्दा मिल गया है। (चित्र गूगल छवियों से ...
बडे दुख का विषय है कि अभिभावक अपने पाल्यों की प्राथमिक शिक्षा के प्रति सतर्क नहीं है।इसे अक्षर ज्ञान के अतिरिक्त और कुछ नहीं माना जाता जबकि सारी इमारत इसी नीव पर आधारित होती है।किस कक्षा को पढाती हो ,क्या ...
वेदिका कहती हैं- जब भी दिल को कोई बात अखर जाती है ...!
हर बार तुम्हारी गली नजर आती है > जब भी दिल को कोई बात अखर जाती है ...! > कोई अनजाने ही कुछ कह जाये तो भी कोई कह के कुछ रह भी जाये तो भी कोई कुछ न बोले पर शक्ल बना ले > हर बात पे अब तो साँस बिखर ...
भारत यूं ही सोने की चिड़िया नहीं कहलाता था। उस समय राज्य की तरफ से कामगारों को पूरी सुरक्षा तथा उनकी मेहनत का पूरा मुआवजा दिया जाता था। खासकर किसानों को हारी-बिमारी या प्राकृतिक आपदा में भी राजा से पूरा संर...
ललित शर्मा बता रहे हैं- नक्सल हिंसा,लोकतंत्र एवं मीडिया पर राष्ट्रीय परिचर्चा कल रायपुर में
साधना न्युज चैनल की स्थापना के दो वर्ष पूर्ण होने पर नक्सल हिंसा, लोकतंत्र एवं मीडिया विषय पर एक राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन कल 25/07/2010 को न्यु सर्किट हाऊस के सभागार रायपुर में किया जा रहा है। इस आयोजन...
मनोज कुमार कहते हैं- धारासार धरा पर
(१.) अंबुद, अंबुधर, अब्र, अभ्र, घटा, घन, घनश्याम, जलद, जलधर, जीमूत, तोयद, तोयद्गर, धाराधर, नीरद, नीरधर, पयोद, पयोधर, पर्जन्य, बादल, बदरी, बदली, बलाहक, मेघ, वारिद, वारिधर।* *(२.) बादलों का समूह : कादंब..
रशमी रवीजा कहती हैं- ज़िन्दगी की कड़ी धूप और कांच के शामियाने
अक्सर देखने में आता है, कि लोग कहते हैं 'नई पीढ़ी नहीं जानती प्रेम किस चिड़िया का नाम है, 'प्रेम' को एक टाइम-पास या खेल की तरह लेती है', 'अपने वायदे पर कायम नहीं रहती वगैरह..वगैरह.पर कई बार मुझे लगता है, ...
पानी बरसा धरती में खिल उठीं कोपलें और मिट गयीं धरती में सब पड़ी दरारें पेड़ो पर फिर पत्ते झूमे आँखों में छाई हरियाली कोयल ने छेड़ी है फिर से वही पुरानी कूक निराली मन य...
कल फिर मिलेंगे
3 comments:
बहुत उम्दा चौपाल.....
बढिया चर्चा
लगता है भाई राजकुमार जी दो दिनो से सावन की छुट्टी मना रहें हैं
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