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बेवफा ,छिनाल ,कामुक कुतिया , क्या उनके घर में मां-बहनें नहीं हैं?-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Monday, August 2, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज  
 
आज एक अच्छी खबर यह है कि रायपुर में  फ्रेडशिप डे के दिन धर्मसेना और बजरंग दल के युवाओं ने शहर की युवतियों और युवकों के साथ जो नंगा खेल खेला उसकी उनको सजा मिल गयी है। बाकी और किस ब्लागर ने क्या लिखा है चलिए देखते हैं....
 
वर्धा अन्तर्ऱाष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री वी एन राय पर इस बार का हमला ज्यादा घातक है .अपने ज़माने की मशहूर पत्रिका ज्ञानोदय के नए समकालीन रूप -*नया ज्ञानोदय* के ताजे अंक में उनका एक इंटर...
 
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फ्रेडशिप डे के दिन धर्मसेना और बजरंग दल के युवाओं ने शहर की युवतियों और युवकों के साथ जो किया उसको लेकर पूरे शहर के साथ विधानसभा में भी बवाल मच गया। हर तरफ से बस एक ही सवाल...
 
अभी कल या परसों दोस्ती दिवस था, वैसे तो आजकल हर एक चीज का दिवस हो गया है, लगता है कि कोई दिन खाली छोड़ा ही नहीं हो; पर कहीं न कहीं ये दिन सूचना तकनीक के जरिये आपको एक अहसास सा दे जाते हैं कि उठो प्यार...
 
मैं ढूंढता हूं एक राज़दार शहर में हर दोस्त मेरा बन गया अखबार शहर में. जिस शख्स का इतिहास भी थाने में दर्ज़ था, वो आज बन गया है असरदार शहर में. अपने मुनाफे के लिये भगवान बेच दे , ऐसे हैं धर्म के अलमबरदार ...
 
 
तेरा जूता तेरे सर (लघुकथा) -- सत्येन्द्र झा उस गाँव में सभी लोग धोती कुरता पहनते थे। एक दिन एक पैंट-शर्ट वाला आदमी आया। वो उसी गाँव में सभ्य की तरह रहने लगा। अब सभी लोग पैंट शर्ट पहने लगे। नए आद...
 
अगस्त यानि क्रांतिकारी महीना* अगस्त का महिना क्रांति का महीना माना जाता है विशेषकर भारत के लिए तो यह "क्रांतिकारी"महीना है। वैसे तो देश का इतिहास ही त्याग और बलिदान से भरा पड़ा है लेकिन अगस्त का महीना अन...
 
यहाँ नफ़रत है,धोखा है,झूठ है ख़ौफ़ और आतंक के साये भी है दूर तलक चलो चलें , एक नया जहाँ ढूंढते है हम तुम दोनो मिलकर...!! 
 
 दो दिन पहले शाम को अचानक कानपुर से गिरिराज किशोर जी का फोन आया। वे विभूतिनारायण के साक्षात्कार पर बेहद कुपित थे. जैसे पूरा महिला समाज है. उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री को पत्र लिखने जा रहे है. वे चाहते कि ...
 
लगता है पागल हो जाऊँगा मैं-------->>>दीपक 'मशाल'
क्या है... क्या है ये.. लोग चिल्लाये पड़े हैं की कॉमनवेल्थ खेल हमारे देश की आन-बान-शान हैं.. आखिर क्यों और कब तक हम हर चीज को देश की आन-बान-शान से जोड़ कर लोगों को गुमराह करते रहेंगे.. कब वास्तविकता के धर...
 
ब्लॉग जगत में मची है धूम....हो रही है इनकी चर्चाएँ खूब * *पहचानिए ये हैं क्रमश: वर्ष के श्रेष्ठ ब्लॉग विचारक और वर्ष के श्रेष्ठ विचारक , * *जिनकी हो रही है चर्चाएँ -* *आईये आप भी दीजिये इन्हें शुभकामना... 
 
नए दर्द की कोई गुंजाईश नहीं जो थे अब तक कम ना थे कभी , बस ये दर्द को घूंट कर दवाई बना लूँगा तब शायद दिल का मर्ज़ मिटा पाउँगा ...... ============================================ हंसती आँखेमें कभी गम सैलाब बनकर...
 
छिनाल माने ??
इस देश का सबसे तेज चैनल ब्रेकिंग न्यूज़ बार बार फ्लेश कर रहा है .के राहुल महाज़न ओर डिम्पी फलां मंदिर में देखे गए....सुबह हिन्दुतान टाइम्स में देखा हुआ चित्र याद करता हूँ जिसमे कश्मीर में एक औरत ...
 
प्रेम कुमार मणि *नमक का दारोगा* सुप्रसिद्ध कथाकार* प्रेमचंद* की एक कहानी है, जिससे हिंदी समाज का मामूली पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी परिचित है। जब मैंने साहित्य की दुनिया में आंखें खोलीं,तो यही सुना कि यह एक आदर्श...
 
इक सौंदर्य का बीज रोपा धरती के सीने में जग नियंता ने और सौंदर्य की महकती फसल लहलहा उठी फिर उसने मानव नाम का प्राणी धरती पर उतारा और चाहा ये उसकी फुलवारी को और निखारे उसकी बगिया के हर फूल को गुलज़ार करे...
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 
 

3 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) August 2, 2010 at 9:37 PM  

बहुत बढ़िया चौपाल ..अच्छे लिंक्स मिले

vandana gupta August 3, 2010 at 5:14 AM  

bahut hi sundar chuapal sajaai hai hamesha ki tarah..........kafi links mil gaye.

Arvind Mishra August 3, 2010 at 6:30 AM  

महराज आपने तो शीर्षकों को जोड़कर अद्भुत रस की सृष्टि कर दी है -नतमस्तक !

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