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बैटन की धूम-सब गए झूम-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Thursday, August 12, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
अपने शहर रायपुर में कल बैटन रिले का आयोजन किया गया, इसमें शामिल हुए नेता, मंत्रियों से लेकर सभी छत्तीसगढ़वासी झूम गए। पत्रकार भी बैटन को हाथ लगाने के लिए बेताब नजर आए। सभी पर बैटन का नशा हावी रहा....
शहीद भगत सिंह चौक से जैसे ही मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बैटन को रवाना किया, प्रारंभ हो गया उसका ६ किलोमीटर का सफर इस सफर में रास्ते में जिस तरह ही दीवानगी खिलाडिय़ों और लोगों में देखने को मिली, वैसी दीवानगी..
आशंका सच साबित हुई -प्रकाशन विभाग से पुस्तक छप के आ गयी -इस समय मेरे सामने है ..*विकासवाद के जनक चार्ल्स डार्विन .*मेरा नाम गायब है ...जबकि लगभग पूरी किताब ही मेरे पूर्व प्रकाशित लेखों और दूसरे लेखकों के 
 
देवी प्रसाद मिश्र* *आलोचना* के अंक 91 में युवा कवि *देवीप्रसाद मिश्र* की * ‘मुसलमान’* नामक कविता छपी है जिसकी कुछ खास स्थापनाओं पर आपत्ति करके *शानी*ने *नवभारत टाइम्स* में उसे राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बना 
बहनों और भाईयो, कुख्यात टीवी चैनल यानि *ताऊ टीवी* के लोकप्रिय "पति पीटो रियलिटी शो" के दुसरे भाग में मैं रमलू सियार आपका हार्दिक स्वागत करता हुं. हमने पिछले एपिसोड मे आपको बताया था कि मिस. समीरा टेढी को 
हम आपके हैं कौन टिप्‍पणी न मिले तो कैसा लगता है समझ रहे हैं आप बिल्‍कुल ऐसा लगता है। हमने ब्‍लॉग नहीं बनाए हैं टिप्‍पणी न मिलने पर हमारे चेहरे हैं सामने पर लटकियाये हैं। पर बेपर हुए जाते हैं हम बे...
डॉ.कविता वाचक्नवी कहती हैं- इक्कीसवीं सदी आम लोगों की ?
इक्कीसवीं सदी आम लोगों की **?* * - डॉ. ओम विकास* *dr.omvikas@gmail.com* Mobile : 098 6840 4129 20वीं सदी में मशीनीकरण से मानव-शक्ति के परे सुनियोजित ढंग से अभिनव जटिल कार्य करना संभव हुआ । कुछ ...
अर्जुन सिंह ने राज को और गहरा दिया ?* भोपाल गैस त्रासदी के मुख्य आरोपी यूनियन कार्बाईड के प्रमुख वारेन एंडरसन को भारत से सुरक्षित व बाईज्जत भगाने के मामले में ...
आज कोई दोहा याद नहीं आ रहा एक मतला और एक शेर देखें कि बातें झूठी, मन भी झूठा, दुनिया झूठी बाबू जी फिर भी जाने क्या है ससुरी लगे अनूठी बाबू जी राजनीत का खेल खेलने वाले हैं दुष्यंत यहाँ किस्मत देखो शक...
पी.सी.गोदियाल कहते हैं- मनमोहन सिंह जी की जय बोलिए क्योंकि वे भी आज २२७३ दिन के प्रधानमंत्री हो गए !
आज जब एक दैनिक अंगरेजी अखबार की वेब-साईट पर उसकी न्यूज हेडिंग पर नजर गई तो पता चला कि मनमोहनसिंह जी इस देश के प्रधानमन्त्री की कुर्सी को लम्बे समय तक सुशोभित करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बन गए है ! नि:संद...
महेन्द्र मिश्र कहते हैं- हमारे देश में लुप्त होती प्राचीन परम्परागत मुगदर कला ....
नागपंचमी का पर्व निकट ही है और इस पर्व को लेकर मन फिर से बचपन की और लौट पड़ा है . इस पर्व पर शहर में काफी धूमधाम का माहौल रहता था . कहीं कुश्ती कला का तो कहीं अस्त्र शस्त्रों का प्रदर्शन भारी तादाद में देख..

सर्वत जमाल- हमारा सब्र तोला जा रहा है। मुसल्सल झूठ बोला जा रहा है। अभी कब्जा़ नहीं है उसके तन पर, अभी तो मन टटोला जा रहा है। यकी़नन हो चुकी है डील पक्की, बड़े साहब का झोला जा रहा है। मुझे पैसा मिला तो ...
यह परेशानी बहुत ही साधारण है, ब्लोग्वानी के साथ भी कई बार हो चुकी है -------- हमारीवाणी
यह एक साधारण प्रॉब्लम है और अक्सर सभी तरह की वेब साईट में आतीं रहती है. अब से पहले यह परेशानी ब्लोग्वानी में भी कई बार आ चुकी है. इसका एक उदहारण आप निम्न लिंक पर जा कर देख सकते हैं.
दिल्ली , नॉएडा , गुडगांव और आस पास के ब्लॉगर बंधू ध्यान दें .................आपकी मदद की जरूरत है |* *ख़ास कर *गुडगांव के लोगो की सब से ज्यादा जरूरत होगी | *दी ग्रेट इण्डियन लाफ़्टर चैम्पियन फेम हास्य कला...
तब हमारे पास फोन नहीं था, बूथ या दफ्तर से फोन करके तय करते थे- मिलना-जुलना पहुंच भी जाते थे, बगैर धीरज खोए नियत जगह पर अंगूठे को कष्ट पहुंचाए बिना. घरवालों को फोन करना तो और भी था मंहगा चिट्ठी ही पूरी ...
अभी उदयपुर में रिमझिम का दौर जारी है। मन करता है कि बचपन की तरह ही किसी बरसाती नदी के किनारे जाकर बालू रेत पर पैरों से कूदूं और जब पैर अन्‍दर धसने लगे तो चारों तरफ बिखरी खिलखिलाहट को जीवन भर के लिए समेट लू...
अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे 

6 comments:

संगीता पुरी August 12, 2010 at 8:45 PM  

बहुत बढिया चौपाल सजाया है .. ढेर सारे लिंक्सों के साथ !!

vandana gupta August 12, 2010 at 9:57 PM  

बढिया लिंक्स के साथ सुन्दर चौपाल्।

ASHOK BAJAJ August 13, 2010 at 10:07 AM  

बहुत बढ़िया सजाया है चौपाल

Sadhana Vaid August 13, 2010 at 11:16 AM  

बढ़िया चौपाल और बढ़िया लिंक्स ! आभार !

ताऊ रामपुरिया August 15, 2010 at 4:01 AM  

बहुत बढिया चौपाल चर्चा, स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.

रामराम.

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