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आजादी की कहानी ब्लाग चौपाल की जुबानी-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Saturday, August 14, 2010

सभी को नमस्कार करता है आपका राज
आजादी की दास्तानों से आज सारे ब्लाग अटे पड़े हैं, ऐसे में हमने उन्हीं ब्लागों को लिया है जिनमें आजादी के किस्से हैं....
शहर की महज औपचारिक दिशा की और निरंतर अग्रसर होती स्वत्रंत्रता दिवस की एक दिवसीय चकाचौध के बीच बचपन में गाँव के स्कूल में मनाये जाने वाले स्वत्रंत्रता दिवस की याद रह रह कर आ जाती है. जब गाँव की टेढ़ी-मेढ़ी...
 
प्रेमपत्र जारी है। प्रात:काल है और इस महान पुरातन देश के जीवन में आए एक महत्त्वपूर्ण दिन की वर्षगाँठ का उत्सव चल रहा है। दिन भर चलेगा। उठा हूँ और पाया हूँ कि घाव हरे हो गए हैं। उदासी के साथ अपनी पुरानी डा...
 
नमस्कार! सबसे पहले स्वतन्त्रता दिवस की अनंत मंगल कामनाएं आप सभी को ! *जैसा कि आप सभी को विदित है कि आज ही के दिन अपना यह मधुमय देश आज़ाद हुआ था, जिसका जश्न हम विगत छ: दशकों से मनाते आ रहे हैं, किन्तु प्रश्न...
 
आज़ादी क्या तीन थके रंगों का नाम है? जिसे एक पहिया ढोता है? या इसका कोई और मतलब होता है? सुदामा पांडे 'धूमिल' स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनांए 
 
कुछ कूट विषैले सर्प यदि फुँकार करें तो करने दो... ये है स्वाभाव उनका तुम उनके विष की सरिता बहने दो... किंतु यदि तुम मूढ़ बने वो विष धमनी मे घोलोगे... वर्षों का सम्मान अगर यूँ खड़े खड़े ही खो दोगे... ये ...
 
हम फ़िर आज़ादी का पर्व मना रहे है।सारा देश जश्न मे डूब जायेगा और एक दिन की राष्ट्रभक्ति का भूत दूसरे दिन ही उतर जायेगा और लोग तीन-तेरह के जुगाड मे लग जायेंगे और राष्ट्रभक्ति का जिन्न साल भर के लिये किसी बोतल...
 
स्वतंत्रता-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ* कौम के खादिम की है, जागीर वन्दे मातरम्, मुल्क के है वास्ते अकसीर वन्दे मातरम्. जालिमों को है उधर, बन्दूक अपनी पे गुरूर, है इधर हम बेकसों का, ...
 
आजादी एक महान शब्द है. गुलामी से मुक्ति की चाहत तो मूक पशुओं में भी होती है. फिर हम तो मनुष्य है. बलिदानों के बाद यह देश आज़ाद हुआ.लेकिन आज अपनी हालात क्या है, यह किसी से छिपी नहीं है. आज भी सरकार विरोधी...
 
स्वाधीनता दिवस पर …. आप सभी को हर्दिक शुभकामनाएं और बधाई! आज हम दिन भर प्रस्तुति करेंगे। सबसे पहले प्रस्तुत है डॉ. रमेश मोहन झा की प्रस्तुति भारतीय आत्‍मा का सबसे बड़ा पर्व ! ...
 
अशोक बजाज कहते हैं- सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ही अंतिम विकल्प
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर विशेष* *आ*ज हम आजादी की 63 वी वर्षगांठ मना रहे हैं। किसी भी देश के विकास के लिए 63 वर्ष कोई कम नहीं है। वर्षों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को आजाद मातृभूमि पर जब सूरज की पह...
 
व्यंग्यलोक पर पढ़े व्यंग्य - पन्द्रह अगस्त का पोरोग्राम और नेताजी का भासड़ आपकी प्रतिक्रिया आलोचना समालोचना का इन्तज़ार रहेगा 
 
वन्दे मातरम कहते जाओ आस्तीनों में साँप पाले जाओ ए खुदा के नामुराद बन्दों देश को लूट - खसोटे जाओ कल की फिक्र तुम ना करना बस आज जेबें भरते जाओ जनता मरती है मरने दो बस तुम अमरता को पा जाओ शहीद की कुर्बान...
 
सुसज्जित कर दो * *संसार की * *इस चित्रशाला को * *अपने शौर्य से !* * * *जो शूर हैं * *वही...* *सदियों तक * *अमर रहे * *इतिहास में..!* * * *राजा, धनि और महाजन * *क्या रह पाए कोई अमर ?* * * *शौर्य ग...
 
 
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 

4 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) August 15, 2010 at 12:16 AM  

उम्दा चौपाल ....

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

ASHOK BAJAJ August 15, 2010 at 10:05 AM  

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आपको बहुत बहुत बधाई .कृपया हम उन कारणों को न उभरने दें जो परतंत्रता के लिए ज़िम्मेदार है . जय-हिंद

मनोज कुमार August 15, 2010 at 11:24 AM  

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं .

अनामिका की सदायें ...... August 16, 2010 at 8:33 AM  

शुक्रिया मेरी पोस्ट को लेने के लिए.
अच्छी चर्चा.

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