Powered by Blogger.

प्रिय तेरी याद आई, लो कर लो कमाई : खबर खुशी की है आई : आप भी पढ़ लो ब्लॉगर भाई-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी

>> Friday, August 27, 2010

 सभी को नमस्कार करता है आपका राज
 
हम हैं अभी कुछ ज्यादा व्यस्त 
आप रहे ब्लाग चौपाल  देखकर मस्त
 
जब मौसम ने ली अंगड़ाई बदरी ने झड़ी लगाई सूरज ने आँखे चुराई तब,प्रिय तेरी याद आई। जब अपनो ने की बेवफ़ाई पवन ने अगन लगाई घनघोर अमावश छाई तब,प्रिय तेरी याद आई जब, निर्धनता बनी ठिठोली कर्कश हुई मीठी बोली सपनो ने ...
 
हिन्‍दी ब्‍लॉग से कमाई का आंकड़ा
 
मेरा मानना है नये नये प्रयोग करते रहने चाहिये इससे जिज्ञासा और कुछ नया पाने की उम्मीद बंधी रहती है और कहने वाले कह गये हैं, उम्मीद में दुनिया कायम है या यूँ कह लीजिये उम्मीद में भारत टिका है और अनुराग के श..

सुबह सुबह मॉर्निंग वाक पर जाता हूँ। सवा से डेढ़ घंटे की हमारी सैर होती है। जिस दिन जैसा स्‍पीड रहा। कभी ब्रिस्‍क वॉक, तो...
 
इसे माया की विडम्बना कहें या विडम्बना की माया, चकाचौंध से भरी फैशन और खूबसूरती की दुनिया के पीछे भी जो माया रची जाती है उसमें बाज़ार का एक बना बनाया फ़ॉर्मूला काम करता है। हमारे लिए इस माया कि विडम्बना यह 
 
भगवाधारियों से सावधान! देश के सर्वोच्च पदधारी मंत्री जी सावधान कर रहे हैं तो सावधान तो होना ही पड़ेगा। एक बार पहले भी चेताया गया था और कोई नहीं माना तो बम धमाके हो गये। देश में किस तरह की स्थिति बनती जा ...
 
जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में स्कूली बच्चो की भूमिका पर जागरूकता कार्यक्रम * *आमंत्रण * ** बहनो एवं भाईयों , नमस्कार , जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्य...
 
मौत तू भी बड़ा लंबा सफ़र तय करवाती है खुद तक पहुँचने को... तुझ तक पहुँचने का रास्ता इतना खूबसूरत है तो तू कितनी खूबसूरत होगी... ----------------------------------------------- मेरे इश्क़ के कुछ टुकड़े अब ...
 
जब मन्दिर-मस्जिद जलते हैं, मैं तब-तब पागल होता हूँ।* *जब जूते - चप्पल चलते हैं, मैं तब-तब पागल होता हूँ।।* *त्योहारों की परम्परा में, जो मज़हब को लाये,* *दंगों के शोलों में, जम कर घासलेट छिड़काये,* *जब भाष...
 
देश दिखता मुझे बहुत बीमार है........... (प्रो. सी.बी. श्रीवास्तव ‘विदग्ध‘ ओ.बी. 11 एम.पी.ई.बी. कालोनी, रामपुर, जबलपुर म.प्र. ) है बुरा हाल मंहगाई की मार है, देश दिखता मुझे बहुत बीमार है। गांव की हर गली झो...
 
जलम्यो केवल एक बर, परणी एकज नार | लडियो, मरियो कौल पर, इक भड दो दो बार || उस वीर ने केवल एक ही बार जन्म लिया तथा एक ही भार्या से विवाह किया ,परन्तु अपने वचन का निर्वाह करते हुए वह वीर दो-दो बार लड़ता हुआ ...
 
बेलफास्ट(यू.के.) में पहले हिन्दी कवि सम्मलेन की झलकियाँ और अन्य तस्वीरें-------->>>दीपक मशाल
आज सोच रहा था कि जैसा आपसे कल कहा था कल रात के कवि-सम्मलेन की रिपोर्ट दे दूँ आपको.. लेकिन लगता है कि आज शाम से पहले समय नहीं मिल पायेगा.. तब तक कवि सम्मलेन की झलकियाँ और अन्य तस्वीरें देखिएगा... महेंद्र अज...
 
बात पिछले नवरात्र की है , मेरी छोटी बहन को कंजिका पूजन के लिए कुछ बच्चियों की जरूरत थी। इन दिनों में कंजिका ओं की संख्या कम होने के कारण मांग काफी बढ़ जाती है। मुहल्‍ले के सारे घरों में घूमने से तो अच्‍छा...
 
(१) *प्रदूषण के कितने प्रकार* पूछना न कभी किसी से यार भौतिक, शारीरिक या चारित्रिक हर कोई प्रदूषण झेल रहा है कुछ दूसरे पर ठेल रहा है (२) सरकार बनाती है योजनायें तय करती है एक समय सीमा हम जो ठहरे आलस ...
 
सौ सौ चुहे खा के बिल्ली, हज़ को जा रही है। क्रूरता आकर करूणा के, पाठ पढा रही है। गुड की ढेली पाकर चुहा, बन बैठा पंसारी। पंसारिन नमक पे गुड का, पानी चढा रही है। कपि के हाथ लगा है अबतो, शांत पडा वो पत्थर। शां...
 
 
 
 
 अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
 
 
 
 
 
 
 

13 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा August 27, 2010 at 8:50 PM  

जय हो-जय जय हो
फ़िर तुम्हारी याद आई।

राजकुमार ग्वालानी August 27, 2010 at 9:04 PM  

मिलने रायपुर आ जाऔ ललित भाई
मिलकर खाएंगे दुध-मलाई

राजकुमार ग्वालानी August 27, 2010 at 9:05 PM  

मिलने रायपुर आ जाएं ललित भाई
मिलकर खाएंगे दुध-मलाई

दीपक 'मशाल' August 27, 2010 at 9:07 PM  

आभार सहित उद्घोष कि बढ़िया लिंक दिए राजकुमार जी... लेकिन आ जाओ भाई और दूध मलाई का क्या माजरा है??? :)

Anonymous,  August 27, 2010 at 9:07 PM  

कमाल का जोड़ा है

राजकुमार ग्वालानी August 27, 2010 at 9:10 PM  

दीपक जी रायपुर में दुध और मलाई कमाल की मिलती है, आपका भी स्वागत है खाने का मन है तो आप भी आ जाएं इसी बहाने मुलाकात भी हो जाएगी

Unknown August 27, 2010 at 9:23 PM  

सुंदर चर्चा हमेशा की तरह

संगीता स्वरुप ( गीत ) August 27, 2010 at 9:49 PM  

बहुत बढ़िया चौपाल सजाई है ...अच्छे लिंक्स मिले '

ब्लॉ.ललित शर्मा August 28, 2010 at 12:10 AM  

आज तो दिल खुशदीप कर दिया
मजा आ गया बिना खाए मलाई।
जब आयेंगे तो जरुर मिलेंगे भाई।

vandana gupta August 28, 2010 at 6:38 AM  

्हमेशा की तरह खूबसूरत चौपाल्।

Shah Nawaz August 28, 2010 at 10:56 AM  

बेहतरीन ब्लॉग चर्चा.....

पी.सी.गोदियाल "परचेत" August 28, 2010 at 8:38 PM  

आह-वाह राज कुमार भाई
क्या खूब चौपाल लगाई,
ओ जी बधाई हो बधाई !!

Post a Comment

About This Blog

Blog Archive

  © Blogger template Webnolia by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP