बैटन के खेल का पुलिस अधिकारी ने निकाला तेल, मैने भी किया क्वीन्स बैटन का स्वागत-ब्लाग चौपाल राजकुमार ग्वालानी
>> Friday, August 13, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
अपने राज्य में बैटन का ऐतिहासिक स्वागत तो जरूर हुआ, लेकिन एक पुलिस वाले के कारण हुए हादसों की वजह से हम लोगों को शर्मसार भी होना पड़ा। ....
कामनवेल्थ गेम्स अच्छी कम खराब बातों को लेकर चर्चा मे हैं।इस पर देश की राजनीति गर्माई हुई है और सारे देश मे इस पर बहस भी चल रही है।सबकी अपनी-अपनी ढपली है और सबका अपना-अपना राग है।कोई इसे गुलामी का प्रतीक कह..
बैटन रिले के लिए खेल विभाग ने जिस तरह से लगातार कई महीनों से योजना बनाई थी उसके बाद भी ये सोचने वाली बात है कि आखिर बैटन का खेल क्यों फेल हो गया। इसके कारणों की जब पड़ताल की गई तो मालूम हुआ कि ऐन समय पर प...
अपने आप पास घटित होने वाली छोटी-छोटी साधारण घटनाओं व बातों से उषा राठौड़ बड़ी गंभीर बात निकाल लाती है और उस साधारण सी बात की हमारी आदतों से तुलना कर एक बहुत बड़ा सन्देश दे जाती है | एसा ही एक सन्देश उन्होंने
आज दो दोहे, कल तीन, परसों चार, दस तक होने के बाद ग़ज़ल प्रारंभ करूंगा. तब तक मेरा टायपिंग का आपका पढ़ने का अभ्यास हो जायेगा . इस बीच कोई विशेष व्यस्तता नहीं है सो टिपियाना भी जारी रहेगा (लेन-देन के
क्या आप कैंसर से युद्ध में आलोक तोमर को सही राय दे सकते हैं? *- (डॉ.)कविता वाचक्नवी हिन्दी पत्रकारिता व लेखन से जुड़े लोग आलोक तोमर जी से परिचित ही हैं, जो नए लोग इस नाम...
भारत की विश्व को देन* भारत की आत्मा को समझना है तो उसे राजनीति अथवा अर्थ-नीति के चश्मे से न देखकर सांस्कृतिक दृष्टिकोण से ही देखना होगा। भारतीयता की अभिव्यक्ति राजनीति के द्वारा न होकर उसकी संस्कृति के...
गाँधी जी' भी नहीं रहे....'सुभाष जी' भी चल बसे...और 'जवाहर लाल जी' भी कब के ऊपर पहुँच गए...अब तो मेरी भी तबियत कुछ ठीक नहीं रहती...ना जाने कब लुढक जाऊँ?…पता नहीं इस देश का क्या
मेरे घर की दीवालों ने बातें करना सीख लिया है गूंगे कमरे के आलों ने कुछ-कुछ कहना सीख लिया है अब उतना भी ना तन्हा होता जब मैं तन्हा होता हूँ.. तन्हाई ने मेरी मुझसे चुहलें करना सीख लिया है अंधियारे कमरे ...
पान वैसे ही लबों की शान माना जाता है . राजा से लेकर गरीब आमजन भी पान का स्वाद लेने से नहीं चूकते हैं . हमारे देश में पान के शौकीन हर जगह मिल जाते हैं . कुछ पान में तम्बाखू डालकर पान का स्वाद लेते हैं तो कु...
कुछ पल का मिलना फिर बिछड़ जाना क्या जरूरी है ? कुछ देर रुके होते दो बात की होती कुछ अपनी कही होती कुछ मेरी सुनी होती कुछ दर्द लिया होता कुछ दर्द दिया होता कुछ अपनी बेचैनियों का कोई राज़ दिया होता कुछ वाद...
कल फिर मिलेंगे
7 comments:
आज चौपाल छोटी है पर उम्दा है ..
बहुत सुंदर है यह चौपाल। इसी बहाने कुछ रोचक पोस्टों के बारे में पता चला, आभार।
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सपनों का भी मतलब होता है?
साहित्यिक चोरी का निर्लज्ज कारनामा.....
badhiya chaupal hai
छोटी मगर उम्दा चौपाल सजाई है।
बेहतरीन चर्चा।
स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं.. सादर आभार सहित..
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आपको बहुत बहुत बधाई .कृपया हम उन कारणों को न उभरने दें जो परतंत्रता के लिए ज़िम्मेदार है . जय-हिंद
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