"मैं "का कोई अस्तित्व नहीं, चिडि़या नहीं हूं मैं-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
>> Sunday, August 8, 2010
सभी को नमस्कार करता है आपका राज
शुरू करते हैं आज की चर्चा
बिना किए समय का खर्चा
चिडि़या नहीं हूं मैं - प्रतिभा कटियार अच्छा तो हम चलते हैं
कल फिर मिलेंगे
पढि़ए और बतलाइये दैनिक हिन्दुस्तान में आज 8 अगस्त 2010 को प्रकाशित यह कविता आपको कैसी लगी ? प्रतिभा कटियार जी से आप यहां पर मिल सकते हैं। इमेज पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं ।
मैं क्या हूँ ? कुछ भी तो नहीं ब्रह्मांड में घूमते एक कण के सिवा कुछ भी तो नहीं अकेले किसी कण की सार्थकता नहीं जब तक अणु परमाणु ना बने जब तक उसके जीवन का कोई प्रयोजन ना हो उद्देश्यहीन सफ़र को मंजिल नही...
शायद इस बात को मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि स्कूली दिनों में, मैं कभी भी एक मेधावी छात्र ,नहीं रहा , हां ऐसा भी नहीं रहा कि अभिभावकों को इस बात की चिंता भी नहीं रहती थी कि कहीं फ़ेल तो नहीं हो जाएगा
भारतीय स्वाधीनता संग्राम में काकोरी कांड एक ऐसी घटना है जिसने अंग्रेजों की नींव झकझोर कर रख दी थी। अंग्रेजों ने आजादी के दीवानों द्वारा 09/08/1925 को अंजाम दी गई इस घटना को काकोरी डकैती का नाम दिया और ...
20 अगस्त को अ . भा . रेडियो श्रोता सम्मेलन* छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ रायपुर एवं ओल्ड लिस्नर्स ग्रुप आफ इंडिया के सयुक्त तत्वाधान में आगामी 20 अगस्त को रायपुर में आयोजित अ . भा . रेडियो श्रोता सम्...
मेरी पिछली पोस्ट *कौन और क्यूं हैं राम* पर अली सा ने टिप्पणी की है कि मैं कबीर ,तुलसी और /के राम पर कुछ क्रमबद्ध लिखूं जो यहाँ ब्लॉग पर चल रहे ईशनिंदा के माहौल से अलग हो ....मैंने इस विषय पर उन्हें अपने ...
वैसे तो पूरे ब्रह्मांड में अक्सर ही कई प्रकार की दृश्यावलि बनती है , पर हम उन्हे अपनी आंखो से नहीं देख पाते हैं। प्रतिदिन दूरदर्शी यंत्र की सहायता से नासा द्वारा खींची गयी आसमान की वैसी कोई न कोई तस्वीर
शबनम खान का- एक "प्रयास"
कौन कहता है आसमाँ में छेद नहीं हो सकता,एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों **”**।इन्हीं पंक्तियों को यथार्थ में बदलने की कोशिश में लगा है दिल्ली का **“ **प्रयास बाल निरीक्षण गृह**”**।इस बालगृह में 18 वर्...
एक बहुत छोटी सी पोस्ट जिसमे बहुत बड़ा सवाल भी है।मोबाईल फ़ोन जितना सुविधाजनक है उतना ही वो अपनी एसएमएस सेवा के कारण परेशानी का सबब भी बनता जा रहा है।टेलीमार्केटिंग ने तो और परेशानी बढा दी है ऐसे मे बिना पढे ...
भोपाल में इन दिनों पढ़े-लिखे प्रबुद्ध लोग एक दिगम्बर मुनि के कड़वे प्रवचनों का आनन्द ले रहे हैं। वे दिगम्बर मुनि जब बैंडबाजे के साथ सड़क से गुज़रते हैं तो उनके अनुयाई महिला पुरुष तो श्रद्धा से स...
रचना दीक्षित का- जल प्रपात
जल प्रपात" मेरे नैनों के जल प्रपात से, किंचित,गंधक के सोते सा पवित्र औषधीय जल बहता है कितना व्यथित किया सबने, मुझे ये पावन नीर बहाने को कोई निहारे खुश हो जाये कोई डिबिया भर घर ले जाये कोई पा...
कल फिर मिलेंगे
4 comments:
उम्दा लिंक्स और चर्चा.
बढ़िया चौपाल...
सदा की तरह आज का भी अंक बहुत अच्छा लगा।
अच्छी चौपाल सजाई और मेरी पोस्ट को जगह देने के लिये आभार्।
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